चर्चांशः धर्म निरपेक्षता, लौकिकवाद, बीजेपी, कांग्रॆस, वाम पंथी दल
भारत मे सब से अधिक धर्म निरपेक्षक पार्टी क्या है. भारत मे सब से अधिक धर्म निरपेक्षक नेता कौन है .
यह प्रश्न को समाधान मिलना बहुत मुषकिल है।
हम सफेद कौवे को कहा से पकड कर ला सकते हँ ?
क्या आप इस नेता को पहचान कर सकते है ?
धर्म निरपेक्षक दिखने के लिये हर एक पार्टी कोशिश करता है, परनतु अंतर्लीन राग द्वेष को छिपना और लुकना आसान नहीं है।
धर्म निरपेक्षक सही ढंग मे रहने के लिये किसी विशेष वर्ग को रिझाने की जरूरत नहीं होता है। धर्म निरपेक्षक दिखाने के लिये जरूरत पडता है।
मेरे विनम्र राय मे, राज्य के , या राजनीतिक दल का धर्म निरपेक्षकता, यह होना है कि राज्य या दल कभी बी अपने पौर को उस के धर्म के बारे मं नहीं पूछना, नहीं सोचना।
वर्तमान नेताओं के मूहों से हम हमेशा सुनने वाला सर्व धर्म समानत्व एक अस्पष्ट अवधी के भावना होता है।
सर्वोच्च न्यायस्थान से दिया हुआ एक हाल का निर्णय, बारे मे हम सोच सकते हैं। भारतीय पौर , अपने को किसी धर्म से संबंधित नहीं -- प्रकट कर सकते हैं।
धर्म निरपेक्षकता और नास्तिकता, एक नहीँ है।
हम कांग्रेस को क्यों धर्म निरपेक्षक नहीं कह सकते है ?
कांग्रॆस मैनारिटीस् को लाड प्यार करना चाहता है। इस काम में उस को मैनारिटीयों पर प्रेम नहीँ है। सिऱ्फ वोटों के लिये लालच और लोलुपता।
हम बीजेपी को क्यों क्यों धर्म निरपेक्षक नहीं कह सकते है ?
बिजॆपी अपने हिंदूत्वा को छिपा नही। उस का खुलेपन प्रशंसनीय है।
सशेष.
भारत मे सब से अधिक धर्म निरपेक्षक पार्टी क्या है. भारत मे सब से अधिक धर्म निरपेक्षक नेता कौन है .
यह प्रश्न को समाधान मिलना बहुत मुषकिल है।
हम सफेद कौवे को कहा से पकड कर ला सकते हँ ?
क्या आप इस नेता को पहचान कर सकते है ?
धर्म निरपेक्षक दिखने के लिये हर एक पार्टी कोशिश करता है, परनतु अंतर्लीन राग द्वेष को छिपना और लुकना आसान नहीं है।
धर्म निरपेक्षक सही ढंग मे रहने के लिये किसी विशेष वर्ग को रिझाने की जरूरत नहीं होता है। धर्म निरपेक्षक दिखाने के लिये जरूरत पडता है।
मेरे विनम्र राय मे, राज्य के , या राजनीतिक दल का धर्म निरपेक्षकता, यह होना है कि राज्य या दल कभी बी अपने पौर को उस के धर्म के बारे मं नहीं पूछना, नहीं सोचना।
वर्तमान नेताओं के मूहों से हम हमेशा सुनने वाला सर्व धर्म समानत्व एक अस्पष्ट अवधी के भावना होता है।
सर्वोच्च न्यायस्थान से दिया हुआ एक हाल का निर्णय, बारे मे हम सोच सकते हैं। भारतीय पौर , अपने को किसी धर्म से संबंधित नहीं -- प्रकट कर सकते हैं।
धर्म निरपेक्षकता और नास्तिकता, एक नहीँ है।
हम कांग्रेस को क्यों धर्म निरपेक्षक नहीं कह सकते है ?
कांग्रॆस मैनारिटीस् को लाड प्यार करना चाहता है। इस काम में उस को मैनारिटीयों पर प्रेम नहीँ है। सिऱ्फ वोटों के लिये लालच और लोलुपता।
हम बीजेपी को क्यों क्यों धर्म निरपेक्षक नहीं कह सकते है ?
बिजॆपी अपने हिंदूत्वा को छिपा नही। उस का खुलेपन प्रशंसनीय है।
सशेष.
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